बाबुषा कोहली
जन्मः 6 फ़रवरी, 1979, कटनी (म.प्र.) पहला कविता-संग्रह ‘प्रेम गिलहरी दिल अखरोट’ 2014, भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित व पुरस्कृत। गद्य-कविता संग्रह ‘बावन चिट्ठियाँ’ 2018 रज़ा पुस्तक माला के अंतर्गत राजकमल से प्रकाशित व वागीश्वरी पुरस्कार से सम्मानित। ‘भाप के घर में शीशे की लड़की’, ‘उस लड़की का नाम ब्रह्मलता है’ - रुख़ पब्लिकेशन्स, ‘तट से नहीं ३ पानी से बँधती है नाव’ - हिन्द युग्म। अनेक कविताएँ मराठी, बांग्ला, तेलुगू, पंजाबी, गुजराती, उर्दू, नेपाली, स्पैनिश, फ्रेंच तथा अंग्रेज़ी में अनूदित। वर्तमान मेंः केन्द्रीय विद्यालय, जबलपुर में कार्यरत।