कृष्णमोहन झा
द्विभाषी कवि। हिंदी में ‘समय को चीरकार’ 1998 और मैथिली में ‘एकटा हेरायल दुनिया’ 2008 प्रकाशित। विद्यापति के पदों के एक संचयन ‘भनइ विद्यापति’ का सम्पादन। हिंदी कविताओं के अंग्रेजी संग्रह ‘होम फ्रॉम अ डिस्टेंस’ के एक सहयोगी कवि। अंग्रेज़ी, असमिया, बाँग्ला, मराठी, तेलुगु, उर्दू और नेपाली में कविताएँ अनूदित एवं प्रकाशित। ‘कन्हैया स्मृति सम्मान, 1998 ‘हेमंत स्मृति कविता पुरस्कार’ 2003 तथा ‘कीर्ति नारायण मिश्र साहित्य सम्मान’ 2013 से पुरस्कृत। असम विश्वविद्यालय, सिलचर के हिंदी विभाग में प्रोफ़ेसर।