किंशुक गुप्ता
डॉक्टर, द्विभाषी लेखक, कवि और स्तंभकार हैं जो लिंग, स्वास्थ्य और कामुकता के अंतर्संबंध पर काम करते हैं। कथा साहित्य की उनकी पहली पुस्तक, ये दिल है की चोर दरवाज़ा, आधुनिक हिंदी का पहला एलजीबीटी कहानी संग्रह, 2023 में प्रकाशित हुआ जिसे पाठकों और आलोचकों द्वारा खूब सराहा गया। वे इंडिया टुडे-आज तक साहित्य जागृति उदयीमान लेखक सम्मान (2023); नई धारा कविता सम्मान (2023; ); डॉ. अनामिका कविता पुरस्कार (2021) इत्यादि पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं। वे जैगरी लिट और मिथिला रिव्यू के कविता संपादक और उसावा लिटरेरी रिव्यू के कार्यकारी संपादक हैं। तिशानी दोशी के साथ अपनी कविता पांडुलिपि पर काम करने के लिए उन्हें प्रतिष्ठित साउथ एशिया स्पीक्स फेलोशिप 2023 में प्रदान की गई है।