लीलाधर मंडलोई
कवि, आलोचक, संपादक, फिल्मकार, डिजिटल चित्रकार और कथेतर लेखक। मुख्य कविता किताबें- घर-घर घूमा, रात-बिरात, मगर एक आवाज़, काल बांका तिरछा, सिर्फ़ चेहरा पहन नहीं रखा था उसने, लिखे में दुक्ख, भीजै दास कबीर, जलावतन, क्या बने बात, मनवा बेपरवाह आदि। साथ में आलोचना, निबंध, यात्रा वृतांत, डायरी, मीडिया की किताबें। कला-साहित्य पर फ़िल्में, तीन एकल चित्रकला प्रदर्शनी, नया ज्ञानोदय और विश्वरंग पत्रिकाओं का संपादन।