मनोज मोहन
एक गै़र सरकारी संगठन में थोडे़ दिनों तक नौकरी, हिन्दी की साहित्यिक-सांस्कृतिक दुनिया में निरंतर सक्रिय, कविता और लेखन में गभीर रुचि, पिछले बीस साल से साहित्य, कला और संस्कृति के क्षेत्र में लेखन, महत्त्वपूर्ण पत्रिकाओं में कविताएँ प्रकाशित, वर्तमान में सीएसडीएस की शोधपरक पत्रिका ‘प्रतिमानः समय समाज संस्कृति’ के सहायक संपादक।