29-Oct-2020 12:00 AM
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संध्या नवोदिता - कवि ,अनुवादक , लेखक और पत्रकार , सहारा समय में पत्रकारिता, छात्र राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई, छात्र- जीवन से सामाजिक राजनीतिक मुद्दों पर लेखन , आकाशवाणी में एनाउंसर -कम्पीयर । जन-आंदोलनों और जनोन्मुखी राजनीति में सक्रिय दिलचस्पी। प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में कविताएँ प्रकाशित। फिदेल कास्त्रो के दो भाषणों भ्पेजवतल ूपसस ंइेवसअम उम का हिंदी अनुवाद किया- ‘इतिहास मुझे बरी करेगा‘, और ज्ंसा जव पदजमससमबजनंे से का अनुवाद ‘बुद्धिजीवियों से मुखातिब’।