विष्णु नागर
जन्म 14 जून, 1950। प्रकाशित कृतियाँः कविता संग्रह -मैं फिर कहता हूँ चिड़िया, तालाब में डूबी छह लड़कियाँ, संसार बदल जाएगा, बच्चे, पिता और माँ, कुछ चीज़ें कभी खोई नहीं, हँसने की तरह रोना, घर के बाहर घर, जीवन भी कविता हो सकता है तथा ‘कवि ने कहा’ श्रृंखला में कविताओं का चयन। कहानी संग्रह-आज का दिन, आदमी की मुश्किल, कुछ दूर, ईश्वर की कहानियाँ, आख्यान, रात-दिन, बच्चा और गेंद, पापा, मैं ग़रीब बनूँगा। व्यंग्य संग्र-जीव-जंतु पुराण, घोड़ा और घास, राष्ट्रीय नाक, देशसेवा सेवा का धंधा, नई जनता आ चुकी है, भारत एक बाज़ार है, ईश्वर भी परेशान है, छोटा सा ब्रेक तथा सदी का सबसे बड़ा ड्रामेबाज। लेख और निबंध संग्रहः हमें देखतीं आँखें, आज और अभी, यथार्थ की माया, आदमी और उसका समाज, अपने समय के सवाल, ग़रीब की भाषा, यथार्थ के सामने, एक नास्तिक का धार्मिक रोजनामचा।
‘सहमत’ संस्था के लिए तीन संकलनों तथा रघुवीर सहाय पर पुस्तक का संपादन।परसाई जी की चुनी हुई रचनाओं का संपादन। सुदीप बनर्जी की कविताओं के चयन का संपादन लीलाधर मंडलोई के साथ। मृणाल पांडे के साथ ‘कादंबिनी’ मे प्रकाशित हिंदी के महत्वपूर्ण लेखकों द्वारा चयनित विश्व की श्रेष्ठ कहानियों का संचयन- ‘बोलता लिहाफ। नवसाक्षरों के लिए अनेक पुस्तकों का संपादन एवं लेखन। किशोरों के लिए भी कुछ पुस्तिकाएँ लिखी हैं